कनैयालाल पंडित - गुजरात की एक ऐसी शख्सियत जिन्होंने समाज को अपने अस्तित्व का अहसास कराया

(26-11-1961 से 15-12-2019)

हरियाणा गौड ब्राह्मण समाज-गुजरात का शायद ही कोई ऐसा सदस्य हो जो अहमदाबाद के रखियाल में रहने वाले कनैयालाल पंडित उर्फ ​​कनुभाई को न जानता हो। हरियाणा गौड़ ब्राह्मण समाज - गुजरात क्षेत्र का हर व्यक्ति उन्हें नाम से जानता था... इसके पीछे का कारण था कनैयालालजी का मिलनसार स्वभाव, सांगठनिक शक्ति और राजनीतिक सक्रियता... वर्ष 2002 से उन्होंने समाज में सक्रिय रूप से योगदान देना शुरू किया। उनकी उपस्थिति में वर्ष 2002-04 में मणिनगर में प्रथम महासभा सम्मेलन का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया, जिसके दौरान संगठन की पहली टीम की घोषणा की गई।

वर्ष 2002-04 में वे संगठन के प्रदेश महामंत्री बने, जब भंवरलाल शर्मा ने अध्यक्ष पद संभाला.. दो दिवसीय अधिवेशन में 55 से अधिक सदस्यों वाली क्षेत्रीय संगठन की टीम गठित की गई..कनैयालाल ने 10 से अधिक महासभा की बैठकों में भाग लिया..गुजरात संगठन में उन्होंने समाज में सामूहिक विवाह की जिम्मेदारी भी निभाई.. जिसमें दो सामूहिक विवाह डाकोर में और एक अहमदाबाद में हुआ.. और समन्वयक के रूप में सेवाएं दीं.

क्षेत्र संगठन में सक्रिय होने पर कठलाल में उभरते समाज के प्रतिभावान लोगों को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया... जिसमें 500 से अधिक लोग मौजूद थे..कनैयालाल पंडित एक कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में भी सक्रिय थे.. उन्होंने कांग्रेस में अन्य भाषा बोलने वाले प्रकोष्ठ के अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रतिनिधि के रूप में काम किया..वे एक बार दिल्ली में राजीव गांधी से भी मिले थे। शुरुआती दौर में बापूनगर के तत्कालीन विधायक हिम्मत सिंह के साथ उनके घनिष्ठ संबंध थे..उन्हें अहमदाबाद पूर्व लोकसभा सीट के लिए प्रचार के लिए कांग्रेस उम्मीदवार सुरेंद्र राजपूत के समर्थन में देखा गया था..उन्होंने प्रचार किया था..इसके अलावा रखियाल में क्रिकेट क्लब के नाम से युवाओं को आगे लाने और प्रोत्साहित करने का काम करते थे..उस वख्त क्रिकेटर पार्थिव पटेल भी क्रिकेट क्लब में खेलने आया करते थे..एक बार मणिनगर रेलवे मैदान में मोटाभाई कप टूर्नामेंट भी आयोजित किया गया था। शिवाभाई पंडित और कनैयालाल पंडित महासभा की टीम में अधिक लोकप्रिय थे.. हालांकि बाद में अखिल गुजरात हरियाणा गौड़ ब्राह्मण सेवा संगठन नाम से वर्ष 2012 में एक ट्रस्ट की स्थापना की... जो ट्रस्ट आज राज्य स्तर पर कार्य कर रहा है.. यह कनैयालाल की वजह से है.. वह समाज के अधिकांश आयोजनों में अग्रणी भूमिका निभाते थे। वे हमेशा विवादों को निपटाने की कोशिश करते थे और वर-वधु के लिए तलाश करते परिवारजनो की भी मदद करते थे..

कनैयालाल पेशे से क्लर्क थे.. उनकी खुद की रखियाल में एक स्कूल भी है..जिसका नाम है जीवन साधना स्कूल...जहां पर रखियाल में 1980 से 2019 तक क्लर्क के रूप में काम किया.. उन्होंने लंबे समय तक कार्यालय अधीक्षक के रूप में भी काम किया. कनैयालाल पंडित ने संयुक्त परिवार का भी एक उत्कृष्ट उदाहरण दिया... वे सभी भाइयों के साथ एक ही घर में रहते थे और जब तक रहते थे एक साथ खाते थे। महेश पंडित, लक्ष्मीकांत पंडित, नटुभाई पंडित, योगेशभाई पंडित--ये इनके चार भाई..जो आपस में मिलजुल कर रहै....आज के समय में संयुक्त परिवार नहीं बचे हैं..और जो बचे हैं वे बिखर रहे हैं..संयुक्त परिवार के लाभ और रिश्तों की गर्माहट अदम्य और सौभाग्यशाली लोगों को मिलती है..जिसा उदाहरण कनैयालाल पंडित स्वयं थे..

अगर समाज को आगे लाना है, सबकी ऊर्जा इकट्ठी करनी है तो सामूहिक शक्ति से विकास के द्वार खोले जा सकते हैं.. समाज में परोपकारी और सेवाभावी लोग बहुत हैं। लेकिन फिरभी मिलनसार, स्नेही, समाजसेवी और हमारे कनुभाई जैसे व्यक्तित्व की कमी समाज को हमेशा खलेगी...

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