वित्तीय शिक्षा(फाइनेंसिअल एजुकेशन) का महत्वपूर्ण सुझाव

डॉ. दौलत कुमार शर्मा, गांधीनगर : वित्तीय शिक्षा(फाइनेंसिअल एजुकेशन) का अर्थ है - धन के सही ढंग से उपयोग को समझना, जिससे हम अपने "धन" का सही प्रबंधन करते हुए, अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित एवं बेहतर बना सकें। यह वह कौशल व ज्ञान है जिनके बल पर हम सोच-समझकर प्रभावशाली वित्तीय निर्णय ले पाते है। वित्तीय शिक्षाबडो और छोटो सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह हमे जालसाजों के जाल में फंसने व गलत वित्तीय फैसलों लेने से बचाती हैं। यह जिम्मेदारी लेना, समय पर निवेश करना व बिलों का भुगतान करना सिखाती है। यह पैसे के साथ जुआ खेलने से बचाती है। 


*इसके कुछ महत्वपुर्ण मुद्दे इस् प्रकार है*

अपने बजट का प्रबंधन करना सीखें। अपना मासिक व वार्षिक बजट बनाये। बजट में, आपको आय, निश्चित व्यय, विवेकाधीन व्यय (जैसे बाहर खाना, यात्रा करना और खरीदारी करना), भविष्य के लक्ष्य, बचत और निवेश को शामिल करना आवश्यक है। अपने खर्च वकमाई की प्लानिंग करे तथा खर्चों पर नियंत्रण रखें। पैसों का सही हिसाब रखे व उचित खर्च करे, अपने मासिक व्यय की सूची बनाये। आप एक डायरी मे पूरे महीने की आय, खर्च व बचत लिखें। आप के पास कितने पैसे हैं व उसमे से कितने पैसे इस महीने खर्च कर सकते हैं। ध्यान रखे, इस महीने का बजट कितना है और इस बजट के अंदर ही खर्च करना है।अपने कुल खर्च के बारे में ध्यान रखे व खर्चे की प्राथमिकता तय करे; जरूरत और इच्छा में फर्क सीखे। जब भी हम यह समझ जाएंगे कि हमें किस चीज की जरूर है और क्या चाहते हैं तब हम बेहद आसानी से और सही वित्तीय निर्णय ले पांएगे। एक परिवार में होने के नाते आप अपने कुछ पैसे जरूरतों जैसे कि भोजन, मकान या दुकान के किराये और दवाइयों पर खर्च करते हैं, जबकि कुछ खर्च हम अपनी पसंद या इच्छा जैसे कि खिलौनों, सुंदर कपड़ों-गहनों और घूमने-फिरने पर भी करते हैं, जो हमेशा ही हमारी जरूरत के बाद ही आएंगे। अपना शॉर्ट-टर्म (एक वर्ष के लिए) और लॉन्ग-टर्म लक्ष्य निर्धारित करे। अपने बजट मे देखें कि आप किस चीज़ पर पैसा खर्च करते हैं। बजट बनाने के मुफ़्त टेम्प्लेट Google ऐप स्टोर पर तुरंत पाए जा सकते हैं।फिर जो प्लान तैयार होता है उसे आप ट्रैक करें कि आप कितनी अच्छी तरह उस प्लान पर कायम रहते हैं। आप जान पायेंगे कि आप कहाँ बचत कर सकते हैं, कहाँ आपको कम पैसा खर्च करना होगा, पैसे बचाने के लिए सबसे अच्छा तरीका क्या है। इस तरह आप खुद की वित्तीय स्थिति को सुधार सकते है। जो पैसे का प्रबंधन करना नहीं जानता है, वह पैसा बेकार की चीज़ों पर खर्च कर देता है और बाद में जरूरी खर्चो के लिये परेशान होता है। 


यह समझना कि जरुरत है, की पैसा कैसे काम करता हैवपैसेकैसे बढ़ते हैं । अपना बचत खाता खोलें, यह निवेश की दिशा में पहला कदम है। इस पर फिक्स डिपाजिट की तुलना में दर कम होती है, लेकिन आप किसी भी समय पैसे निकाल सकते हैं। इससे आपको बचत का स्वाद मिलेगा और आप निवेश करना शुरू कर सकेंगे, बहुत ज्यादा नही पर यह पैसा कमा कर देता है।अपने भविष्य में निवेश करें, एक व्यक्तिगत सेवानिवृत्ति खाता शुरू करने, संपत्ति बनाने और निश्चित आय के लिये निवेश पोर्टफोलियो पर विचार करें। यदि आवश्यक हो तो विशेषज्ञ सलाहकारों के वित्तीय मार्गदर्शन प्राप्त करें।पहले भविष्य की योजना / आवश्यकताओ  के अनुसार निवेश का लक्ष्य तैयार करे, व हर महीने की आय मे से निवेश योगदान के बाद ही खर्च करे। आप स्टॉक, म्युचुअल फन्ड, एसआइपी, बॉन्ड आदि मे निवेश कर सकते हैं। आप अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखने की कोशिश करे। निवेश आपको पेंशन के लिए पर्याप्त पैसे जमा करने में मदद करता है, ताकि बुदापे मे आपकी जिंदगी की क्वालिटी में बदलाव न हो।बचत व निवेश के साथ संयम भी जरूरी है। वित्तीय शिक्षा का सबसे पहला नियम है बचत, निवेशऔर संयम। आप निरंतर अपने पैसों को जोडे और किसी भी चीज को खरीदने से पहले पर्याप्त पैसों के जुड़ने का इंतजार करे।


बच्चों को भी सिखाएं बचत और पैसों के बारे में जरूरी बातें। जैसे समय से पहले ही हम अपने बच्चों की स्कूली शिक्षा और कॉलेज की पढ़ाई के बारे में सोचते हैं, ठीक वैसे ही हमें बच्चों को सही समय पर वित्तीय शिक्षा भी देनी चाहिए। ज्यादातर मामलों में बच्चों को वित्तीय शिक्षा के नाम पर कॉलेज तक 15-16 साल की पढ़ाई में बेंकिंग के बेसिक के अलावा और कुछ भी नहीं पढ़ाया जाता। पैसों को कहां-कहां निवेश किया जा सकता है या कैसे उनकी बचत की जा सकती है, इसके सभी विकल्पों के बारे में भी उन्हें जानकारी नहीं होतीहैं। जरूरी है कि कम आयु के साथ ही अपने बच्चों को वित्तीय शब्दावली व निवेश और बचत की अवधारणा से अवगत कराएं।


कर्ज को प्रबंधित करें, एक ऋण कटौती योजना विकसित करें, जैसे कि पहले उच्चतम दर पर ऋण का भुगतान करना, आदि। अनावश्यक कर्ज लेने से बचे तथा कर्ज लेकर निवेश के बारे मे न सोचे।पैसों का सही लेनदेन करे। वित्तीय निर्णय में परिवार के सदस्यो को भी शामिल करे। बिलों का तत्काल नियमित रूप से समय पर भुगतान सुनिश्चित करें।

किसी आपातकालीन घटना के लिए पैसे बचाएं (वित्तीय एयरबैग रखे)। जब आपके पास नौकरी नहीं होती हैं या आप कोई काम नहीं करते हैं, वित्तीय एयरबैग आपको उसी स्तर के खर्च के साथ 3-6 महीने तक जीने की व्यवस्था रखता है, जिस तरह आप तब जी रहे थे, जब आपके पास नौकरी थी। बचत के बिना जीना, बचत के साथ जीने की तुलना में सैकड़ों गुना डरावना है। जोखिमों का अनुमान लगाना सीखें, जैसे कि नौकरी छूटना, कोई संकट आना, कोई महामारी फैलना, आदि।अपने वेतन/ व्यापार से जितना हो सकेबचाएं। यदि आपको पता चलता है कि आप उन चीजों पर पैसा खर्च कर रहे हैं जिनकी आपको बिल्कुल आवश्यकता नहीं है, तो खर्चे में कटौती करें। स्थायी तौर पर आर्थिक रूप से मजबूत स्थिति में रहे। 


धोखा देने वाले वित्तीय प्रस्तावों को पहचानने की क्षमता विकसीत करे, ताकि आप एक या दो बार में ही उस वित्तीय सलाहकार के अंदर झांक सके, जो आपको धोखा देने की कोशिश कर रहा है। आप पिरामिड (एम एल एम) योजनाओं में निवेश नहीं करे और पैसो से जुडी गलतिया ना  करे। आप अपने पैसे का एक बड़ा प्रतिशत ऐसी चीज़ पर निवेश न करे, जिसमे स्पष्ट रूप से पता नहीं हो कि क्या होता है। सभी ने शुरू किया, इसलिए मैने भी शुरू किया, ऐसा ना करे। धोखाधड़ी का संदेह होने वाले ऑनलाइन प्रोजेक्ट्स से सावधान रहें, भले ही आपके जानने वाले सभी लोग पहले से ही इन प्रोजेक्ट्स में निवेश कर रहे हो। इंतज़ार करने से, ऑफर को अस्वीकार करने से, एक तरफ हटने और मार्किट में निवेशकों के व्यवहार के नतीजों को देखने से न डरे। आप सभी संकटों को एक दार्शनिक शांति के साथ देखे, इसकी बदौलत, आप हमेशा लॉन्ग-टर्म का हिस्सा होते हैं। यदि आप कमाई की किसी योजना में रुचि रखते हैं, तो आप पहले इसका अध्ययन करें, रिव्यु पढ़ें, सोचें कि क्या यह वैध है और क्या यह सच में उतना अच्छी है, जितना नज़र आती है, विचार करें, वित्तीय विश्लेषकों से सलाह ले। आप उन गतिविधियों में भाग नहीं लें, जो संदेहपूर्ण हो।विचित्र व शंकास्प्रद लिंक ना खोले व ओनलाइन फ्रोड के प्रति सावधान रहे।अपनी ओटीपी, पासवर्ड, पिन, कार्ड नम्बर आदि किसी को ना बताये।


अपने क्रेडिट स्कोर का पता लगाएं और ऋण का अध्ययन करें। अपना क्रेडिट स्कोर जांचें, अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको अन्य लाभों के अलावा, सर्वोत्तम ब्याज दरों को प्राप्त करने में सहायता करेगा।आप किसी विशेष सरकारी सेवा या बैंकों के माध्यम से क्रेडिट स्कोर मांग सकते हैं। ज्यादातर यह सेवा मुफ़्त होती है। एक उच्च क्रेडिट स्कोर का मतलब होगा कि आप एक विश्वसनीय उधारकर्ता हैं जो हमेशा भुगतान करता है। कम रेटिंग का मतलब, बिल्कुल इसके विपरीत है। रेटिंग के साथ, आप रिपोर्ट भी देख सकते हैं; यह रिपोर्ट निरीक्षण निकायों और क्रेडिट संगठनों को आपके वित्त की स्थिति दिखाएगी। क्रेडिट स्कोर इस बात पर असर डालता है कि वे आपको ऋण देंगे या नहीं और वे आपको कितने प्रतिशत की पेशकश करेंगे।


*वित्तीय शिक्षाके लिये कुछ श्रेष्ठ पुस्तके* : 

1. रॉबर्टकियोसाकीकी'रिचडैडपुअरडैड': यह पुस्तक वित्तीय प्रबंधन समबंधित आपके दृष्टिकोण का काफी विस्तार करती है। 

2. टोनीरॉबिंसकी'मनी: मास्टरदगेम': इस पुस्तक मे आपको वित्तीय स्वतंत्रता हासिल करने के सात चरण मिलेंगे। इसमें कई शक्तिशाली लोगों के साथ लेखक के इंटरव्यू के अंश भी हैं। 

3. स्कॉटपपेकी'दबेयरफुटइन्वेस्टर': इस पुस्तक मे लेखक बताता है कि कैसे कर्ज से छुटकारा पाएं और अपने जीवन स्तर को कम किए बिना पेंशन की व्यवस्था करे। 

4. कार्लरिचर्ड्सकी'दवन-पेजफाइनेंशियलप्लान': यह पुस्तक एक पेज की वित्तीय योजना प्रदान करती है, जो ज्यादातर मामलों में काम करती है। 

5. बेंजामिनग्राहमकी'दइंटेलीजेंटइन्वेस्टर': यह पुस्तक बताती हैकि मार्केट कैसे काम करता है और निवेश के लिए सबसे आशाजनक कंपनी चुनकर आप इसे कैसे हरा सकते हैं। वॉरेन बुफ़े का मानना है कि इस किताब को "निवेश" श्रेणी में बेस्ट कहा जा सकता है।


(नोट: यह लेख डॉ. दौलत कुमार शर्मा द्वारा संकलित हैं। वर्तमान में डॉ. दौलत कुमार, गवर्नमेंट इंजीनियरिंग कॉलेज गांधीनगर, गुजरात में फैकल्टी के रूप में कार्यरत हैं।)

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