अगर आपमें इच्छाशक्ति है तो आप जरुर सफल होंगे - संजय शर्मा, पुलिस सब इन्स्पेक्टर

जीवन में आगे बढ़ने और कुछ करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। आपका सपना जितना बड़ा होगा, उसे पूरा करने के लिए उतनी ही अधिक मेहनत करनी होगी। उसमें भी कई युवा पुलिस में नौकरी करने का सपना देखते हैं. लेकिन पुलिस कांस्टेबल बनने के लिए आपको कड़ी मेहनत भी करनी होती है। साबरकांठा जिले के संजय शर्मा कई वर्षों से गुजरात पुलिस में पुलिस सब इन्स्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं। कम ही लोगों को पता होगा कि संजय शर्मा ने कई समाजबंधुओं को कानूनी सहायता प्रदान की है। इतना ही नहीं, गुजरात के हरियाणा गौड़ ब्राह्मण समुदाय के किसी भी व्यक्ति को कानूनी मदद की जरूरत पड़ने पर हमेशा मदद के लिए तैयार रहते हैं। पुलिस सब इंस्पेक्टर संजय शर्मा भी अपने छात्र जीवन और युवावस्था के दौरान कई संघर्षों से गुजरे हैं और पुलिस विभाग में चयनित हुए हैं। कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छा शक्ति उन्हें पुलिस विभाग में खींच लाई। पुलिस बल में शामिल होने का उनका सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। 


सबसे पहले अगर हम संजय शर्मा के बारे में विस्तार से बात करें तो उनका जन्म साबरकांठा जिले के तलोद तालुका के वावडी गांव में हुआ। उनके पिता का नाम हरिओमभाई रामलाल शर्मा (ओजट) है..संजय शर्मा के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और एक बेटा है। इसके साथ ही संजयभाई के दो छोटे भाई भी हैं। एक का नाम धर्मेंद्र शर्मा है जो रोज़ड गांव में भोलेनाथ डेयरी का संचालन संभालते हैं। जबकि दूसरे भाई का नाम मनोज शर्मा है जो तलोद में भोलेनाथ डेयरी का संचालन करते हैं। संजय शर्मा भरूच शहर, आमोद, हांसोट,वालिया में पुलिस सब इंस्पेक्टर के रूप में काम कर चुके हैं। वर्ष 2017 में, उनका तबादला अरवल्ली जिले में हुआ, जहां मोडासा ग्राम्य, मेघरज, शामलाजी, भिलोडा जैसे क्षेत्रों में उन्होने जिम्मेदारी निभाई। वर्ष 2020 से वह सीआईडी ​​क्राइम में कार्यरत हैं। जहां फिलहाल वह गांधीनगर में कार्यरत हैं. संजय शर्मा की पहले से ही पुलिस में भर्ती होने की प्रबल इच्छा थी। साल 2019 में शामलाजी ड्यूटी के दौरान उन्होंने साढ़े सात करोड़ की मात्रा में कश्मीरी चरस भी पकड़ी थी, जो उनकी सूझबूझ से संभव हो सका। ऐसे कई मामलों को पल भर में सुलझाया गया और अपराधियों को जेल भेजा गया है।


संजय शर्मा ने नायब तहसीलदार और PSI दोनों परीक्षा उत्तीर्ण की

गुजरात पत्रिका टीम से बातचीत में संजय शर्मा ने बताया कि जब वह सातवीं कक्षा में पढ़ रहे थे तभी से वह अपने पिता के डेयरी बिजनेस से जुड़ गए थे. पुलिस अधिकारी बनने से पहले उनके पास 13 साल का बिजनेस अनुभव भी था. डेयरी बिजनेस में बाईक पर दूध लाने का कार्य करते थे । हमारे समाज के सभी लोग जानते हैं कि डेयरी के बिजनेस में कितनी महेनत होती है। संजय शर्मा के बारे में जानने वाली एक और खास बात यह है कि कम उम्र में बिजनेस से जुड़ने के बाद भी उन्होंने शिक्षा को कम महत्व नहीं दिया। साल 2005 में 12वीं कक्षा पास करने के बाद उन्होंने तीन साल के लिए स्कूल छोड़ दिया क्योंकि उन्हें बिजनेस में समय देना था. लेकिन 2008 में उन्होंने ग्रेजुएशन के लिए एक्सटर्नल के तौर पर परीक्षा दी. उन्होंने तीन साल में सफलतापूर्वक ग्रेजुएशन पास कर लिया. संजय शर्मा ने अंग्रेजी विषय से बीए पास किया है। साल 2012 में पुलिस भर्ती बोर्ड परीक्षा के लिए फॉर्म भरा था. संजय शर्मा का मानना ​​था कि फॉर्म तो भर दिया था लेकिन उन्हें परीक्षा में सफल भी होना था. इसलिए उन्होंने पूरी तैयारी करने का फैसला किया और कड़ी मेहनत करना शुरू कर दिया. 2013 में पुलिस सब इन्स्पेक्टर की परीक्षा में सफलता हासिल की..लेकिन ये सफलता इतनी आसान नहीं थी..लगातार पढ़ना और शारीरिक व्यायाम बहुत जरूरी था। उन्होंने इसके लिए काफी समय दिया था. अब एक और जानने वाली बात यह है कि संजय शर्मा ने खुद भी साल 2012 में नायब तहसीलदार परीक्षा पास की थी. यानी वह दोनों परीक्षाओं में सफल रहे थे. लेकिन उन्होंने गुजरात पुलिस में सेवा करने का मन बनाया। समाज के बहुत कम सदस्यों को पता होगा कि संजय शर्मा ने नायब तहसीलदार और पीएसआई दोनों परीक्षाओं में सफलता हासिल की थी। वर्ष 2014 में उन्हें भरूच में पुलिस सब इंस्पेक्टर के रूप में पहली पोस्टिंग मिली। 


बिजनेस के साथ-साथ कर सकते हैं सरकारी भर्ती परीक्षा की तैयारी

संजय शर्मा ने समाज के कई लोगों की मदद की है.. गुजरात में हरियाणा गौड़ ब्राह्मण समाज में आ रही जागृति की सराहना करते हुए संजय शर्मा कहते हैं कि हमारा समाज सरकारी पदों में काफी पीछे रहा है. सरकारी परीक्षाओं की जानकारी और जागरूकता की कमी इसका कारण रही है। संजय शर्मा का कहना है कि समाज में कई युवा पुलिस में सफल हो सकते हैं। जरूरी नहीं है कि सफल होने के लिए आप शहर में रहकर ही पढ़ाई करें.. अगर ग्रामीण क्षेत्र के युवा भी दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ परीक्षा की तैयारी करें और मेहनत से पढ़ाई करें तो सफलता मिलना तय है. आज भी अगर किसी को इस बारे में जरूरी जानकारी चाहिए तो मैं देने को तैयार हूं. यदि आप प्रशिक्षण प्राप्त करना चाहते हैं तो भी संपर्क कर सकते हैं। हमारे समाज में अधिक से अधिक युवा व्यवसाय में रुचि रखते हैं। पिता के व्यवसाय के साथ भी परीक्षा दी जा सकती है। लेकिन इसके लिए परिवार से प्रोत्साहन मिलना जरूरी है। संजय शर्मा ने बताया कि क्षेत्रीय युवा संगठन के माध्यम से वडोदरा में रक्तदान शिविर आयोजित कर 67 युनिट रक्तदान किया गया। मेरे लिए यह समाज का उत्कृष्ट कार्य है। क्योंकि उस खून से कई लोगों के जीवन में नई रोशनी आएगी। कई जरूरतमंदों को मदद मिलेगी।


PSI कैसे बनें?

सबसे पहले उम्मीदवारों को स्टडी कैलेंडर तैयार करना चाहिए. उम्मीदवारों को अन्य ऑनलाइन जानकारी खोजने से बजाय सभी किताबें और अध्ययन सामग्री पहले ही प्राप्त कर लेनी चाहिए। जितना हो सके रिवीजन करें. उम्मीदवारों को नियमित रूप से समाचार पत्र पढ़ना चाहिए और करंट अफेयर्स से अपडेट रहना चाहिए। इसके साथ ही उम्मीदवार को टेस्ट बुक करंट अफेयर्स का भी उपयोग करना चाहिए। ताकि एडवांस परीक्षा के लिए तैयार किया जा सके। यदि संभव हो तो उम्मीदवारों को टेस्ट बुक निर्मित टेस्ट सीरीज़ में भाग लेना चाहिए। ताकि उम्मीदवार अधिक आत्मविश्वास महसूस कर सकें और परीक्षा की तैयारी कर सकें। यदि आप परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं तो आपको पिछले वर्ष के पेपर भी तैयार करने चाहिए। ज्ञान बढ़ाएं और गणना में तेजी लाने के लिए पर्याप्त मॉक टेस्ट और क्विज़ दें। स्वास्थ्य और शरीर पर भी ध्यान दें। शक्ति प्रशिक्षण, दौड़ना, कार्डियो और उच्च तीव्रता वाले वर्कआउट उम्मीदवार के शरीर को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं। चूंकि परीक्षा से पहले शारीरिक परीक्षण करना होता है, साथ ही व्यक्ति को गुजराती भाषा के व्याकरण और समझ वाले हिस्से पर भी अच्छी पकड़ विकसित करनी चाहिए। पीएसआई परीक्षा के सिलेबस में इतिहास, ज्ञान और करंट अफेयर्स, भूगोल, सामान्य विज्ञान पर आधारित सामान्य प्रश्न पूछे जाते है। पाठ्यक्रम में गुजराती व्याकरण और साहित्य, अंग्रेजी व्याकरण, सामान्य ज्ञान, कंप्यूटर ज्ञान, तर्कशास्त्र, कानून पर प्रश्न पूछे जाते हैं। मैं समाज के युवाओं से अपील करता हूं कि वे अच्छे से पढ़ाई करें और अपना करियर बनाएं। साथ ही सरकारी भर्ती परीक्षाओं के लिए भी खूब मन लगाकर तैयारी करें। अगर आपमें कड़ी मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति है तो एक दिन आपका चुना हुआ पद आपका इंतजार जरूर करेगा। शुभकामनाएं।

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