ऋषि पंचमी के दिन मनाई जाएगी हरित ऋषि की जन्म जयंति

ऋषि पंचमी का त्यौहार सात संतों या सप्त ऋषियों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। यह भाद्रपद के हिंदू चंद्र माह के पांचवें दिन आता है। इस दिन, महिलाएं अपने कर्मों और अशुद्धियों को धोने के लिए एक नदी या एक पवित्र जल निकाय में स्नान करती हैं। इस पर्व पर व्रत और संतों की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि ऋषि पंचमी का व्रत करने से व्यक्ति जन्म मरण के चक्र से मुक्ति पा सकता है। हरियाणा गौड ब्राह्मण समाज के विभिन्न राज्यो में ऋषि पंचमी के दिन कुलगुरु हरित ऋषि की जन्मजयंति मनाई जाती है। इस दिन हरित ऋषि के जन्म, उनका इतिहास एवं उनकी प्रचलित बातो को समाजबंधुओ तक पहुंचाया जाता है। इस दिन कई शहरो में हरित ऋषिजी की जयंति के उपलक्षम में कार्यक्रम भी आयोजित होते है। समाजबंधुओ हरित ऋषि की पूजा करके आशीर्वाद लेते है।

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