गुजरात में समाजबंधुओ की जनगणना एवं मतदाता सूचि का महत्व , जाने


गुजरात समाज के समस्त समाजजनो को जानकारी होगी की, हमारे गुजरात समाज की वर्ष 2003-2004 मे जनगणना हुई थी, जो की वडोदरावाले रामचरणजी शर्मा एवं सिद्धपुरवाले प्रभुदास शर्मा मास्टर जी ने करवाई थी। बीस साल बाद, वर्ष 2022 के दिसंबर माह की 23 तारीख से एक बार फिर से गुजरात समाज की  "डिजिटल जनगणना यादी एवं मतदाता सूची" बनाने का कार्य शुरू किया गया , जो की 18.05.2023 तक समाज के सभी वर्गो ने इस जनगणना अभियान मे हिस्सा लिया और अपने परिवार की जानकारी नियत फॉर्मेट मे भरकर दी और बहुत से परिवारोने ऑनलाइन वोट्सअप के माध्यम से हिस्सा लिया।


अहमदाबाद से लाली महाराज जी और अशोकजी शर्मा ने विशेष योगदान दिया और अहमदाबाद के परिवारों के घर घर जाकर जनगणना फार्म भरवाए भी और एकत्रित कर माहिती, डेटा एंट्री सेन्टर तक पहुंचाई। इस कार्य के लिए लाली महाराज जी और अशोकजी शर्मा की जीतनी तारीफ की जाय उतनी कम है। तो दूसरी और गांधीनगर से देवकीनंदजी शर्मा (पेथापुर),राकेशजी शर्मा (धेधु) रमणलालजी, योगेन्द्रजीशर्मा (दहेगाम), वडोदरा से मनीषाबेन शर्मा,पाटण से हरिशजी, दिनेशजी,जगदीशजी शर्मा, खेड़ा जिले से सुरेशजी कठलाल वाले एवं उनकी युवा टीमने, बनासकांठा से रामभाई (शिहोरी वाले)एवं उनकी टीम, साबरकांठा से विजयजी,चंद्रेशजी शर्मा (चोरीवाड),सीतारामजी शर्मा (हिम्मतनगर)दाहोद जिले से प्रदीपकुमारजी शर्मा,हालोल कालोल से राजकुमारजी शर्मा ने,सूरत वलसाड से राजेन्द्रजी शर्मा ने सभी ने अपना अपना योगदान देते हुये जनगणना मे बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और समाज के परिवारों तक पहुँच कर माहिती एकत्रित कर माहिती, डेटा एंट्री सेन्टर तक पहुंचाई। इस निस्वार्थ सेवा के लिए उक्त सभी की जीतनी तारीफ की जाय उतनी कम है।


अब इस जनगणना एवं मतदाता सूचि की आवश्यकता एवं उसकी उपयोगिता कैसे समाज के लिए बेहद महत्वपूर्ण है इस पर अपनी बात रखता हूं। जैसे देश की जनगणना इसलिए की जाती है की , देश की जनता के लिए विकास लक्षी योजना बनाने मे जनगणना का डेटा काम मे लिया जाता है , ठीक उसी प्रकार से हमारे समाज की जनगणना से जो डेटा एकत्र हुआ है , उससे हम समाज के परिवारों के लिए योजनाए बना सके, बुजुर्गो के लिए, युवाओ के लिए, महिलाओ के लिए, छात्रो के लिए, बच्चो के लिए योजनाए बना सके । और समाज को और आगे बढ़ा सके। इस डाटा से हमारे समाज की सही आबादी का हमे पता चल सके, कहाँ कहाँ हम बसे है, हमारा मुख्य व्यवसाय क्या है,हमारी व्यवसाय की स्थिति क्या है, हमारी शैक्षणिक स्थिति क्या है, हम मे कितने युवा है, कितने बुजुर्ग है, कितने विवाहित है ,कितने अविवाहित है, हमारा जेंडर रेशियों क्या है ,हमारे संपर्क ,हमारे निवास स्थान की जानकारी क्या है, यह सब जनगणना से पता चलता है। इन सब जानकारी का उपयोग करके समाज संचालक व्यवस्थातंत्र समाज विकास की योजनाए बना सकते है। 


तारीख 18.05.2023 तक समाज के बड़े बूढ़े सभी मिलाकर 2,384 तक की जनगणना हो चुकी है , इसकी डेटा एंट्री हो चुकी है। समाज की जनसंख्या 3500 से 4500 तक होने का मेरा अनुमान है। क्यूंकी वर्ष 2003 मे जब जनगणना हुई थी तब मुझे याद है वहाँ तक 2000 के करीब जनसंख्या थी। भारत मे जनसंख्या वृद्धि दर प्रति वर्ष 2.5% है , इस हिसाब से प्रति वर्ष 50 का जन्म दर मानकर चले तो भी 3000 से 3500 के करीब तो हमारी जनसंख्या होनी चाहिए।  अतः समाज की वर्तमान जनसंख्या (2384) को देखते हुए , अभी भी समाज के परिवारों ने जनगणना मे हिस्सा नहीं लिया हो , या उन तक माहिती ही ना पहुंची हो , या फिर अन्य कारणवश उन परिवारों ने जनगणना से अपने आप को दूर रखा हो यह संभावना प्रबल है। इस लिए समाज की जनगणना कार्य जो की 18.5.2023 से माहिती के अभाव मे रुका पड़ा है , उसे आगे बढ़ाने की आवश्यकता है । यह समाज की जनगणना है , कोई व्यक्ति विशेष यह कार्य नहीं कर रहा है,यह समस्त समाज कर रहा है ,जनगणना मे माहिती एकत्र करने का योगदान देने वालो के नाम की अवश्य प्रशंसा की जाती रहेगी। 


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